Chandrayaan-2 , second moon mission of Isro
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के द्वारा 22 अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 प्रक्षेपित किया गया था ! चंद्रयान-1 अगस्त 2009 तक सक्रिय रहा यह पीएसएलवी लॉन्च व्हीकल के द्वारा लांच किया गया था ! इसका कार्य चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए वहां पर जो भी गतिविधि है ! उसकी जानकारी लेते हुए इसरो को पहुंचाना था. चंद्रयान-1 के लॉन्च से पहले ही यह सुनिश्चित हो गया था कि चंद्रयान-2 भी चंद्रमा पर भेजा जाएगा इसके लिए भारत ने रसिया से मदद मांगी था ! रसिया ने पहली मदद के लिए हां कर लिया लेकिन किसी कारण से बाद में उन्होंने मना कर दिया इस वजह से चंद्रयान-2 मिशन अपने निर्धारित समय से काफी वर्ष देर हो गया सन 2013 में चंद्रयान-2 को लॉन्च करने के बारे में सोचा गया था लेकिन रसिया की मदद ना मिलने के कारण यह नहीं हो सका march 2018 में चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा !!
चंद्रयान-2 को gslv के द्वारा march 2018 में लॉन्च किया जाएगा इस को लॉन्च करने में 603 करोड़ का खर्च आएगा ! चंद्रयान-2 का बजन 3250 किलोग्राम है
**चंद्रयान-2 के parts....
1.ORBITAR....
Orbitar का कार्य चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाना है तथा Data का आदान प्रदान करना है इस का वजन लगभग 1400 किलोग्राम है !! यह सोलर एनर्जी के माध्यम से चलता है !! यह चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटरi ऊपर चंद्रमा के चारों ओर उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा !!
2. LANDER...
Lander का कार्य उपकरण को चंद्रमा की सतह तक सुरक्षित पहुंच जाना है !! जो चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करेगा इस का वजन लगभग 1230 किलोग्राम है!!
3. ROVER...
रोवर का कार्य चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करके उसके आंकड़ों को Orbitar तक पहुंचाना है !! ROVER का निर्माण IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने किया है ! रसिया के द्वारा रोवर का मॉडल दे दिया गया था ! उस आधार पर IITकानपुर के वैज्ञानिकों ने रोवर का सफलतापूर्वक निर्माण किया यह सोलर एनर्जी के माध्यम से चलता है ! तथा चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करके वहीं पर उनका प्रशिक्षण करके समस्त Data को Orbitar को भेजता है !! इस का वजन लगभग 20 किलोग्राम है
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चंद्रयान-2 को gslv के द्वारा march 2018 में लॉन्च किया जाएगा इस को लॉन्च करने में 603 करोड़ का खर्च आएगा ! चंद्रयान-2 का बजन 3250 किलोग्राम है
**चंद्रयान-2 के parts....
1.ORBITAR....
Orbitar का कार्य चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाना है तथा Data का आदान प्रदान करना है इस का वजन लगभग 1400 किलोग्राम है !! यह सोलर एनर्जी के माध्यम से चलता है !! यह चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटरi ऊपर चंद्रमा के चारों ओर उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा !!
2. LANDER...
Lander का कार्य उपकरण को चंद्रमा की सतह तक सुरक्षित पहुंच जाना है !! जो चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करेगा इस का वजन लगभग 1230 किलोग्राम है!!
3. ROVER...
रोवर का कार्य चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करके उसके आंकड़ों को Orbitar तक पहुंचाना है !! ROVER का निर्माण IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने किया है ! रसिया के द्वारा रोवर का मॉडल दे दिया गया था ! उस आधार पर IITकानपुर के वैज्ञानिकों ने रोवर का सफलतापूर्वक निर्माण किया यह सोलर एनर्जी के माध्यम से चलता है ! तथा चंद्रमा की सतह पर निरीक्षण करके वहीं पर उनका प्रशिक्षण करके समस्त Data को Orbitar को भेजता है !! इस का वजन लगभग 20 किलोग्राम है
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