Big bang theory( महाविस्फोट सिद्धान्त. )
Short notes on big bang theory
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महाविस्फोट सिद्धान्त के आरंभ का इतिहास आधुनिक भौतिकी में जॉर्ज लिमेत्री ने लिखा है। लिमेत्री एक रोमन कैथोलिक पादरी थे और साथ ही वैज्ञानिक भी। यह सिद्धान्त अल्बर्ट आइंसटीन के प्रसिद्ध सापेक्षवाद के सिद्धांत पर आधारित था..
1927 मे जार्जस लेमिट्र ने आईन्साटाइन के सापेक्षता के सिद्धांत(Theory of General Relativity) से आगे जाते हुये फ़्रीडमैन-लेमिट्र-राबर्टसन-वाकर समीकरण (Friedmann-Lemaître-Robertson-Walker equations) बनाये। लेमिट्र के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक प्राथमिक परमाणु से हुयी है, इसी प्रतिपादन को आज हम महा-विस्फोट का सिद्धांत कहते हैं। लेकिन उस समय इस विचार को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
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महाविस्फोट सिद्धान्त के आरंभ का इतिहास आधुनिक भौतिकी में जॉर्ज लिमेत्री ने लिखा है। लिमेत्री एक रोमन कैथोलिक पादरी थे और साथ ही वैज्ञानिक भी। यह सिद्धान्त अल्बर्ट आइंसटीन के प्रसिद्ध सापेक्षवाद के सिद्धांत पर आधारित था..
1927 मे जार्जस लेमिट्र ने आईन्साटाइन के सापेक्षता के सिद्धांत(Theory of General Relativity) से आगे जाते हुये फ़्रीडमैन-लेमिट्र-राबर्टसन-वाकर समीकरण (Friedmann-Lemaître-Robertson-Walker equations) बनाये। लेमिट्र के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक प्राथमिक परमाणु से हुयी है, इसी प्रतिपादन को आज हम महा-विस्फोट का सिद्धांत कहते हैं। लेकिन उस समय इस विचार को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
बिग बैंग थ्योरी इसे महाविस्फोट सिद्धांत भी कहते हैं इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण को समझाया गया है इस सिद्धांत के अनुसार करीब 13 से 14 अरब वर्ष पहले परमाणु एक इकाई के रूप में था इस परमाण्विक इकाई का विकास होते होते हमारा ब्रह्मांड वर्तमान स्थिति में आया वर्तमान स्थिति में आने के पीछ कई पदों से गुजरना पड़ा
उस समय ग्रहों तथा मानवीयता का अस्तित्व नहीं था
बिग बैंग थ्योरी के अनुसार लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व एक महाविस्फोट के दौरान हमारे ब्रह्मांड का विकास होगा इस महाविस्फोट से बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न हुई इस ऊर्जा के कारण ब्रह्मांड का विकास आज भी लगातार होता जा रहा है महाविस्फोट के 1.43 सैकेंड पश्चात ब्रह्मांड 10 की पावर 30 गुना जितना बड़ा हो गया था और क्वार्क, लैप्टान और फोटोन का गर्म द्रव्य बन चुका था। 1.4 सेकेंड पर क्वार्क मिलकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाने लगे और ब्रह्मांड अब कुछ ठंडा हो चुका था। हाइड्रोजन, हीलियम आदि के अस्तित्त्व का आरंभ होने लगा था और अन्य भौतिक तत्व बनने लगे थे।
1964 में ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्गस ने महाविस्फोट के बाद एक सेकेंड के अरबें भाग में ब्रह्मांड के द्रव्यों को मिलने वाले भार का सिद्धांत प्रतिपादित किया था, जो भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के बोसोन सिद्धांत पर ही आधारित था। इसे बाद में 'हिग्गस-बोसोन' के नाम से जाना गया। इस सिद्धांत ने जहां ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों पर से पर्दा उठाया, वहीं उसके स्वरूप को परिभाषित करने में भी मदद की...../////
उस समय ग्रहों तथा मानवीयता का अस्तित्व नहीं था
बिग बैंग थ्योरी के अनुसार लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व एक महाविस्फोट के दौरान हमारे ब्रह्मांड का विकास होगा इस महाविस्फोट से बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न हुई इस ऊर्जा के कारण ब्रह्मांड का विकास आज भी लगातार होता जा रहा है महाविस्फोट के 1.43 सैकेंड पश्चात ब्रह्मांड 10 की पावर 30 गुना जितना बड़ा हो गया था और क्वार्क, लैप्टान और फोटोन का गर्म द्रव्य बन चुका था। 1.4 सेकेंड पर क्वार्क मिलकर प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाने लगे और ब्रह्मांड अब कुछ ठंडा हो चुका था। हाइड्रोजन, हीलियम आदि के अस्तित्त्व का आरंभ होने लगा था और अन्य भौतिक तत्व बनने लगे थे।
1964 में ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्गस ने महाविस्फोट के बाद एक सेकेंड के अरबें भाग में ब्रह्मांड के द्रव्यों को मिलने वाले भार का सिद्धांत प्रतिपादित किया था, जो भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के बोसोन सिद्धांत पर ही आधारित था। इसे बाद में 'हिग्गस-बोसोन' के नाम से जाना गया। इस सिद्धांत ने जहां ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों पर से पर्दा उठाया, वहीं उसके स्वरूप को परिभाषित करने में भी मदद की...../////
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