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Akash missile

आकाश मिसाइल का पहला परीक्षण 1990 में किया गया था || आकाश मिसाइल का निर्माण भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(DRDO) के द्वारा किया गया है || यह मिसाइल सतह से हवा(surface to air) में वार करने में सक्षम है || यह स्वदेशी मिसाइल है इस मिसाइल की परास दूरी 30 km तथा उड़ान दूरी 18 km ऊंची है आकाश मिसाइल के निर्माण में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के साथ भारतीय डायनामिक्स लिमिटेड(BDL)  की महत्वपूर्ण भूमिका है || आकाश मिसाइल का उपयोग भारतीय थल सेना तथा भारतीय वायुसेना तथा भारतीय वायुसेना के द्वारा किया जाता है यह मिसाइल सन  2009 से सेवा में कार्यरत है ||

इस मिसाइल का वजन 720 kg तथा लंबाई 578 cm और व्यास 35 cm है यह मिसाइल उच्च विस्फोटक तथा पूर्व खंडित बम वाहिद के रूप में ले जाने में सक्षम है आकाश मिसाइल जेट विमानों बैलिस्टिक मिसाइल क्रूज मिसाइल तथा हवाई targets को blast करने में सक्षम है आकाश मिसाइल की अभी तक 3000 संख्याएं बनाई जा चुकी है रडार सिस्टम सहित आकाश मिसाइल के निर्माण में 23300 करोड रुपए की लागत खर्च की गई है इस मिसाइल मैं मार्गदर्शन प्रणाली के रूप में command guidance system का उपयोग किया गया है 

मिसाइल को चरणबद्ध सरणी फायर कंट्रोल रडार द्वारा निर्देशित किया जाता है जिसे 'राजेंद्र' कहा जाता है यह battery level radar (बीएलआर) के रूप में लगभग 60 किमी तक के target की ट्रैकिंग कर सकता है। ऊंचाई में 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और आठ मिसाइलों को एक साथ एक तरफ फायर मोड में चार लक्ष्यों के लिए मार्गदर्शन कर सकता है।आकाश मिसाइल में 2K12 रूसी मिसाइल की तरह, एक एकीकृत रैमजेट-रॉकेट प्रणोदन (प्रोपल्शन) प्रणाली का उपयोग करता है, जो अपनी अधिकांश उड़ान में मिसाइल को प्रणोद देता है। क्योंकि इस मिसाइल में एकीकृत रैम-रॉकेट है, जिसकी गतिशीलता उच्चतम है। इंजन उड़ान  के  संपूर्ण  समय  में चालू रहता है मिसाइल लक्ष्य को रोकता है जब तक thrust दिया जाता है।

भारतीय वायुसेना ने ग्वालियर (महाराजपुर एएफएस), जलपाईगुड़ी (हिसिमारा एएफएस), तेजपुर, जोरहाट और पुणे (लोहेगांव एएफएस) में अपने अड्डों पर आकाश को तैनात किया है।




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